बैंकों में वैध करेंसी नोटों को जमा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में रिजर्व बैंक ने कहा कि वैध करेंसी नोट जमा करने वाले ग्राहक मौजूदा सीमा से अधिक राशि निकाल सकेंगे। आरबीआई ने बैंकिंग तंत्र में नोटों का सर्कुलेशन बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति 4,000 रुपए की रकम 2,000, 500, 100, 50, 20, 10 और 5 रुपए के वैध नोटों में जमा करता है तो उसके लिए निकासी सीमा 4,000 रुपए तक बढ़ जाएगी जो 24,000 रुपए की साप्ताहिक निकासी सीमा से उपर होगी। चालू खातों के लिए छोटे व्यापारियों के लिए निकासी सीमा प्रति सप्ताह 50,000 रुपए है। देर शाम जारी एक सर्कुलर में आरबीआई ने कहा कि खातों से नकदी निकासी पर मौजूदा सीमा को देखते हुए कुछ जमाकर्ता अपना पैसा बैंक खातों में जमा करने से हिचकिचा रहे हैं। इस बीच रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में 500 और 1,000 के पुराने नोटों में कुल 8.45 लाख करोड़ रुपए जमा हुए हैं या बदले गए हैं। यह आंकड़ा 27 नवंबर तक का है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस दौरान बैंकों ने काउंटर तथा एटीएम के जरिए 2.16 करोड़ रुपए वितरित किए हैं। गत 8 नवंबर को 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की गई थी। इसके बाद रिजर्व बैंक ने इन नोटों को बैंकों में जमा कराने या उनको बदलने की व्यवस्था की थी। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को आयकर कानून संशोधन भी पेश किया। इसके तहत खुद कालाधन घोषित करने पर टैक्स, जुर्माने व उपकर की सीमा बढ़ाकर 50 फीसदी और आयकर द्वारा पकड़े जाने पर 85 फीसदी कर व जुर्माने का कठोर प्रावधान किया गया है। यह व्यवस्था 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा होने वाले धन के लिए होगी।